फिर बसन्त की आहट आई हर जगह फ्योंली मुस्काई फिर बसन्त की आहट आई हर जगह फ्योंली मुस्काई
प्रकृति और मनुष्य का साहचर्य प्रकृति और मनुष्य का साहचर्य
कोरोना महामारी को है हराना, तो अपनानी पड़ेगी ये तन्हाई। कोरोना महामारी को है हराना, तो अपनानी पड़ेगी ये तन्हाई।
बहुत हो चुकी छेड़खानी प्रकृति से कुछ तो खामियाजा चुकाना पड़ेगा, बहुत हो चुकी छेड़खानी प्रकृति से कुछ तो खामियाजा चुकाना पड़ेगा,
पावन प्रकृति का मिला संस्कृति को उपहार पावन प्रकृति का मिला संस्कृति को उपहार
तेरे हर एक पल से मुझे तेरा आशीर्वाद मिला। तेरे हर एक पल से मुझे तेरा आशीर्वाद मिला।